Radiofrequency Ablation Description in Hindi

26
Oct

Radiofrequency Ablation Description in Hindi

रेडियो फ्रिकवेंसी ट्रीटमेंट एक प्रकार की सर्जरी प्रक्रिया होती है जिसमें की इलेक्ट्रिक करंट या रेडियो तरंगों के माध्यम से असाधारण उत्तक को  नष्ट कर दिया जाता है। इस इलेक्ट्रिक करंट या रेडियो तरंगों के माध्यम से विशेष गर्मी पैदा की जाती है जिससे कई समस्याओं का इलाज आसानी से हो जाता है, इसे रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन भी कहते हैं।

रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन के माध्यम से मानव शरीर में होने वाली बहुत सी समस्याओं बीमारियों या दर्द को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में समस्या के प्रकार और प्रभावित ऊतकों की लोकेशन के अनुसार अलग अलग हो सकती है। रेडियो फ्रिकवेंसी ट्रीटमेंट को एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, MRI या सिटी स्कैन के मार्गदर्शन से किया जाता है।

रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन क्यों किया जाता है?

रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन सर्जरी को आमतौर पर निम्न प्रकार के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है-

  • नसों में गंभीर दर्द के लिए।
  • स्लीप एपनिया के लिए।
  • वेरीकोज वेन।
  • प्रोस्टेट बढ़ना।
  • ह्रदय के उस हिस्से को नष्ट करने के लिए जो असामान्य धड़कनों का कारण बनता है।
  • कैंसर रिक्त ट्यूमर के आकार को कम करने के लिए।
  • किसी प्रकार की हड्डी दर्द के लिए।

रेडियो फ्रिकवेंसी ऑपरेशन से पहले क्या किया जाता है?

रेडियो फ्रिकवेंसी ट्रीटमेंट का निर्णय लेने से पहले मरीज के कुछ टेस्ट किए जाते हैं जिनके आधार पर इस सर्जरी को करना है या नहीं तय किया जाता है -

  • अंदरूनी अंगों की संरचना के परीक्षण के लिए MRI, अल्ट्रासाउंड और एक्सरे किया जाता है।
  • ह्रदय की विद्युत गतिविधियों को जांचने के लिए इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम।
  • ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट आदि।

रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन के दौरान क्या किया जाता है?

रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन के दौरान प्रभावित हिस्से को ही टारगेट किया जाता है। यह एक मिनिमल इनवेसिव तकनीक होती है इसलिए इस सर्जरी में किसी भी अधिक चीर फाड़ या बड़े ऑपरेशन जैसा कुछ भी नहीं होता है। इस तकनीक को रेडियो तरंगों के माध्यम से अंजाम दिया जाता है इसलिए सिर्फ प्रभावित हिस्से में कुछ छोटे-छोटे छेद करके ट्यूब के माध्यम से अंदर ट्रीटमेंट पहुंचाया जाता है।

प्रभाव हिस्से पर छोटी-छोटी सुईयो द्वारा रेडियो तरंगों को पहुंचाया जाता है और उस हिस्से को गर्म करके या तरंगों के माध्यम से प्रभाव डालकर समस्या को दूर किया जाता है।  इस प्रोसीजर में रक्त स्त्राव ना के बराबर होता है और दर्द की संभावना भी बहुत कम होती है।

इस प्रक्रिया के दौरान सिर्फ प्रभावित हिस्से को ही सुन किया जाता है मरीज पूरी तरह होश में रहता है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग 1 घंटे का समय लग सकता है। 1 से 2 दिन के अंदर अस्पताल से मरीज को छुट्टी दे दी जाती है।

सर्जरी होने के बाद कुछ दिनों तक दर्द निवारक दवाओं की सलाह डॉक्टर द्वारा दी जाती है साथ ही संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं भी दी जाती है।

रेडियाफ्रिकवेंसी एबलेशन छोटी छोटी सुई द्वारा किया जाने वाला उपचार है जिसमें रेडियो तरंगों के माध्यम से प्रभावित हिस्से पर उपचार किया जाता है। रेडियो तरंगों के माध्यम से उच्च तापमान के साथ इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है। इस तरह से शरीर में होने वाली समस्याओं का समाधान किया जाता है।