Endoscopic spine surgery Description In Hindi
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक नई तकनीक है जिसके द्वारा पीठ दर्द का इलाज तुरंत ठीक किया जा सकता है और इस सर्जरी में ओपन बैक सर्जरी की तुलना में बहुत कम समय लगता है। पहले एंडोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग सिर्फ डायग्नोज करने के उद्देश्य के लिए किया जाता था।
लेकिन अब भारत में एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी का उपयोग रोगों के निदान के लिए किया जाने लगा है और इस सर्जरी के माध्यम से इलाज काफी सरल बन चुका है।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एक ऐसा इलाज का माध्यम है जिसमें मरीज को कम दर्द और असहजता महसूस होती है। इस सर्जरी के माध्यम से नाम मात्र की चीर फाड़ की जाती है और दर्द भी ना के बराबर होता है। मरीज को 1 दिन के अंदर ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है और मरीज अपने दैनिक जीवन में वापसी कर सकता है।
एंडोस्कोपिक एक यंत्र है जो जीवित संरचनाओं को देखकर संचालित करता है और एंडोस्कोप का उपयोग करके समस्या ग्रस्त संरचना तक पहुंच बनाता है। यह एक विधि है जिसके द्वारा वर्टेब्रल कैनाल की वास्तविक स्थिति की निगरानी के लिए एंडोस्कोप का उपयोग किया जाता है। एंडोस्कोप का उपयोग करके रीढ़ का सर्जिकल उपचार किया जाता है और यह प्रक्रिया एंडोस्कोपिक स्पाइनल सर्जरी के रूप में जानी जाती है।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के प्रकार -
लुंबरडिस्क हर्नियेशन एंडोस्कोपिक स्पाइनल सर्जरी के लिए सबसे आम तरीका माना जाता है। एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी मे डिस्क का केवल हर्नियेटेड पार्ट हटा दिया जाता है।
यह इन तकनीकों के द्वारा किया जाता है -
- ट्रांस - फोरैमिनल एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी।
- इंटरलामिनर इंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी।
यह दो तरीकों से की जा सकती है जो कि अभी ऊपर बताए गए हैं। यह सर्जन पर निर्भर करता है कि वह इन दोनों तकनीकों में से मरीज के ऊपर कौन सी तकनीक इस्तेमाल करना चाहते हैं।
- पूर्ण रूप से एंडोस्कोपिक डिस्केक्टॉमी किया जाता है। फ्लोरोस्कॉपी करने के समय एक छोटी ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है जिसे बोन ग्राफ्ट और इंटर्वर्टेब्रल स्पेस में डाला जाता है। पेरक्यूटेनियस पैडीकल स्क्रू को त्वचा में छोटे-छोटे छिद्रों का उपयोग करके डाला जाता है।
- एक छोटे एंडोस्कोप का उपयोग वर्टेब्रल डिस्क के हर्नियेटेड हिस्से को सक्सेसिव
माइक्रोफोरैमिनोटॉमी प्रक्रियाओं से हटाने के लिए किया जाता है। इसका
इस्तेमाल ओपन सर्जरी से बचने के लिए किया जाता है।
- ट्यूबरक्यूलोसिस पाॅट की अधिकांश रीढ़ की हड्डी की समस्या को समाप्त किया जा सकता है। स्पाइनल एंडोस्कोप की सहायता से शल्य चिकित्सा द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है। यह दर्द को कम करता है और आगे की बायोप्सी परीक्षण के लिए उत्तक प्रदान करता है।
- कई और अन्य प्रक्रियाएं जैसे कि प्रीवियस सर्वाइकल डिस्केक्टॉमी और थोरेसिक स्पाइनल प्रक्रियाएं भी स्पाइनल एंडोस्कोप के साथ की जा सकती हैं। एंडोस्कोप एक क्रमिक दृष्टिकोण द्वारा रीढ़ की हड्डी का पूरी तरह से डायग्नोज कर सकता है।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी की प्रक्रिया -
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी एंडोस्कोपिक उपकरणों की मदद से छोटे चीरों के माध्यम से की जाती है, जिससे कि सर्जन शरीर के आंतरिक अंगों को देख सकें। सामान्य तौर पर ट्रांसमिटिंग मशीन डालने के लिए आधा इंच 7 मिमी से डेढ़ सेंटीमीटर से कम के चीरे की आवश्यकता होती है।
थोड़ी जगह बनाने के लिए मरीज की पीठ की मांसपेशियों को उसकी रीढ़ की हड्डी के कनेक्शन से हटा दिया जाता है, जिससे कि सर्जन सर्जरी के लिए आवश्यक एंडोस्कोप राॅड, स्क्रू, बोन ग्राफ्ट आदि को आसानी से रख सकें।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के फायदे -
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के ऐसे बहुत से फायदे हैं जो कि ओपन सर्जरी में हमें नहीं मिलते है। एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी के लाभ इस प्रकार है -
- एंडोस्कोपीक स्पाइनल सर्जरी सबसे कम आक्रामक स्पाइनल सर्जरी में से एक है।
- इस सर्जरी में बिना ज्यादा चिर फाड़ किए उपचार किए जाने की सुविधा मिलती है।
- कम समय में सर्जरी पूरी हो जाती है साथ ही मरीज को कम दर्द का अनुभव होता है।
- बुजुर्ग रोगियों के लिए यह सर्जरी बहुत कारगर साबित होती है।
- ओपन सर्जरी के मुकाबले एंडोस्कोपिक सर्जरी को बहुत सुरक्षित तरीका माना गया है।
एंडोस्कोपिक स्पाइनल सर्जरी की सीमाएं -
एंडोस्कोपिक स्पाइनल सर्जरी की कुछ सीमाएं होती हैं जिनके अंदर रहकर ही इस सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है -
- एंडोस्कोपिक स्पाइनल सर्जरी करने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है।
- विशेष रुप से ओटी सेटअप और आवश्यक उपकरण के उपयोग के कारण यह सर्जरी थोड़ी महंगी होती है।
- कभी-कभी एंडोस्कोपिक प्रक्रियाओं द्वारा सभी विकृति का इलाज नहीं कर पाते हैं। कुछ एंडोस्कोपिक तकनीकों का दायरा सीमित होता है।
एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी की लागत -
एंडोस्कोपिक स्पाइनल सर्जरी की लागत भारत में अन्य देशों की तुलना में बहुत कम होती है, यही कारण है कि विदेशों से भी मरीज भारत में आकर इलाज करवाना पसंद करते हैं। इसकी लागत थोड़ी अधिक लग सकती है लेकिन इसकी गुणवत्ता भी उतनी ही अधिक होती है।
भारत के जयपुर में जेपीआरसी न्यूरो स्पाइन सेंटर एंडोस्कोपी स्पाइनल सर्जरी सेंटर स्थित है, जो कि मरीज को गुणवत्ता के साथ इलाज मौजूद करवाते हैं। जेपीआरसी न्यूरो स्पाइन सेंटर पर अनुभवी चिकित्सक उपलब्ध हैं जो मरीज की बीमारी को जड़ से खत्म करने में पूरी सहायता करते हैं।

































































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