Sports injury Description In Hindi
स्पोर्ट्स इंजरी एक्सरसाइज करते समय या फिर खेल खेलते समय जो चोट होती है, उसे कहा जाता है। खेल खेलते समय शरीर के किसी भी भाग में चोट लग सकती है। लेकिन स्पोर्ट इंजरी खास तौर पर मस्क्यूलोस्केलेटल सिस्टम की चोट के लिए कहा जाता है। यह चोट किसी ट्रॉमा और मसल्स या जॉइंट्स के अधिक प्रयोग के कारण होती है। स्पोर्ट इंजरी में मोच, मांसपेशियों में खिंचाव, घुटने की चोट, मांसपेशियों में सूजन, अकिलिस टेंडन रूप्चर, फ्रैक्चर, डिसलोकेशन स्पोर्ट इंजरी आदि आते हैं। कभी-कभी स्पोर्ट इंजरी का दर्द मरीज को सालों तक परेशान करता है।
लक्षण
- शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द महसूस होना।
- मांसपेशियों में सूजन का अनुभव करना।
- चलने फिरने या उठने बैठने में शरीर के किसी खास हिस्से में दर्द होना।
- भागदौड़ ना कर पाना।
- शरीर की किसी हड्डी में तेज दर्द और सूजन होना।
कारण
स्पोर्ट्स इंजरी को दो भागों में बांटा गया है एक्यूट और क्रॉनिक।
- एक्यूट इंजरी किसी घटना या एक्सीडेंट की वजह से हो सकती है। इसके लक्षण हमें साफ ही नजर आ सकते हैं जैसे गिर जाना, स्लिप हो जाना, किसी चीज से टकरा जाना या किसी व्यायाम उपकरण या खेलने वाली चीजों से घायल होना।
- क्रॉनिक इंजरी एक ज्यादा समय तक चलने वाली इंजरी होती है। जिसकी शुरुआत एक्यूट इंजरी से ही होती है। यह अंदरूनी चोट होती है जो कि ज्यादा समय तक चलती है और मरीज को परेशान करती है। इसका दर्द काफी समय तक मरीज को परेशान करता है।
इलाज
- स्पोर्ट इंजरी होने पर सबसे पहले किसी एक्सपीरियंस पेन फिजीशियन को दिखाना चाहिए।
- एक एक्सपीरियंस पेन फिजीशियन दर्द के सही कारणों का पता लगाता है।
- कुछ जांच करने के बाद जब आप के दर्द का सही कारण पता चल जाता है उसके बाद कारण के हिसाब से ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है।
- पेन फिजीशियन बिना किसी सर्जिकल ट्रीटमेंट के मरीज का इलाज करते हैं।
- मिनिमली इनवेसिव तकनीक द्वारा बिना किसी चीर फाड़ और रक्त स्त्राव के द्वारा मरीज की परेशानी को दूर किया जाता है।
- यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें 1 दिन में ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है।
- खून का बहाव ना के बराबर होता है साथ ही मरीज कुछ दिन में ही अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस आ सकते हैं।
- पेन फिजीशियन जो ट्रीटमेंट करते हैं उस से मरीज को हमेशा के लिए दर्द से छुटकारा मिल जाता है।