Prolotherapy Description In Hindi
प्रोलोथेरेपी एक ऐसी थेरेपी होती है जिसका उपयोग मानव शरीर में विभिन्न बिंदुओं पर दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है। प्रोलोथेरेपी दर्द का एक सुरक्षित इलाज होता है जिसमें एक इंजेक्शन के जरिए इलाज किया जाता है। यह एक इंजेक्शन तकनीक है जिसमें किसी भी चीर फाड़ की आवश्यकता नहीं होती है। संरचनात्मक रूप से कमजोर और ढीले या विकृत जोड़ों के लिगामेंट, कैप्सूल, जोड़ों की चिकनाई, टेंडिनस आदि का इलाज इस थेरेपी द्वारा किया जाता है।
प्रोलोथेरेपी निम्न परेशानियों में कारगर साबित होती है -
- कमर में होने वाले दर्द के लिए।
- गर्दन में होने वाले सभी प्रकार के दर्दों में।
- हाथ व पैरों में होने वाले सभी प्रकार के दर्द में।
- शरीर की किसी भी हड्डी में होने वाले दर्द में।
- डिस्क की परेशानी में।
- घुटने के दर्द में।
- कूल्हे के दर्द में।
- कंधे व एड़ियों के दर्द में।
- हड्डी फ्रैक्चर होने के बाद के दर्द में।
- पुराने सिर दर्द और माइग्रेन में।
- आंखों के दर्द व चक्कर आने में।
- खेलकूद में लगने वाली चोटों के दर्द में।
- वर्टिगो, टेंपोरो मेंडीबल और जोड़ों के दर्द में।
प्रोलोथेरेपी कैसे काम करती है?
प्रोलोथेरेपी एक इंजेक्शन के द्वारा की जाने वाली थेरेपी है इस तकनीक में इंजेक्शन के माध्यम से एक द्रव्य जोड़ों के अंदर पहुंचाया जाता है जिससे कि जोड़ों के स्नायु बंधनों और चिकनाई में वृद्धि कारक तत्वों का प्रवाह होता है और उस जगह में रक्तनलिकाओं की मात्रा बढ़ जाती है।
रक्त नलिकाओ की मात्रा बढ़ने पर जोड़ों में रक्त प्रवाह भी बढ़ जाता है और यह उन कोशिकाओं तक ठीक तरीके से पहुंच पाता है जो नए उत्तक को बनाने में सहायक होती हैं। नया बनने वाला उत्तक पुराने उत्तक के समानांतर ही होता है। इसलिए उसको प्रबल मजबूती प्रदान करता है। बढे हुए रक्त प्रभाव की वजह से उस जगह में पोषक पदार्थ की भरपूर मात्रा पहुंच जाती है जो कि उनकी मरम्मत करने में सहायक साबित होती है।
इंजेक्शन के माध्यम से द्रव्य को अंदर पहुंचाने में सोडियम मोनो आॅरेट, सर्पीन, फेनॉल, मॉनिटोल, यूरिया, जिंक सल्फेट, ग्लूकोस आदि का उपयोग किया जाता है। इंजेक्शन के दर्द को कम करने के लिए सुन्न करने की दवा भी मिलाई जाती है।
प्रोलोथेरेपी के फायदे क्या है?
प्रोलोथेरेपी के निम्न फायदे होते हैं -
- प्रोलोथेरेपी एक ऐसी तकनीक है जिसमें किसी भी चीर फाड़ या सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है।
- सिर्फ एक इंजेक्शन के द्वारा इस तकनीक को किया जाता है।
- थेरेपी के अगले दिन से ही मरीज सामान्य दिनचर्या शुरू कर सकता है।
- ना मरीज को ज्यादा दर्द होता है ना ही रक्त स्त्राव।
- प्रोलोथेरेपी करने के तुरंत बाद मरीज को दर्द से राहत मिलती है।
- अगले ही दिन मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।
प्रोलोथेरेपी किसी प्रकार की सर्जरी नहीं है बल्कि इस थेरेपी में डैमेज हुए टिशू को रिपेयर करने के लिए इंजेक्शन के माध्यम से ठीक किया जाता है। यह एक सुरक्षित तरीका है बिना किसी ऑपरेशन के खराब हुए टिशु को ठीक करने का। शरीर के जोड़ों में होने वाले किसी भी दर्द में राहत दिलाने के लिए प्रोलोथेरेपी सहायक हो सकती है।