Pairo Mein Jhanjhanahat: Kya Hai Karan Aur Kaise Paayein Rahat?

24
Jul

Pairo Mein Jhanjhanahat: Kya Hai Karan Aur Kaise Paayein Rahat?

पैरों में झनझनाहट (tingling sensation) एक आम लेकिन परेशान कर देने वाली समस्या है।  या फिर तेज़ झटका देने वाले अहसास की तरह भी लग सकती है। कभी-कभी यह कुछ ही मिनटों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर यह बार-बार हो रही हो या लगातार बनी रहे, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।

पैरों में झनझनाहट के प्रमुख कारण
नसों पर दबाव (Nerve Compression):
अधिक समय तक गलत पोजीशन में बैठना या लेटना नसों पर दबाव डालता है जिससे झनझनाहट होती है।

स्लिप डिस्क या सर्वाइकल स्पॉन्डिलोसिस:
रीढ़ की हड्डी में डिस्क खिसकने या सर्वाइकल की समस्या नसों को दबाती है जिससे पैरों में झनझनाहट होती है।

डायबिटिक न्यूरोपैथी:
शुगर के मरीजों में नसों को नुकसान होने से झनझनाहट, सुन्नपन या जलन महसूस होती है।

विटामिन B12 की कमी:
विटामिन B12 की कमी से नसों का कामकाज प्रभावित होता है, जिससे झनझनाहट या सुन्नपन हो सकता है।

मल्टीपल स्क्लेरोसिस और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर:
यह झनझनाहट की गंभीर वजहों में से एक हो सकती हैं, जिन्हें जल्द पहचानना ज़रूरी है।

ब्लड सर्कुलेशन में बाधा:
रक्त संचार ठीक से न होने पर भी पैरों में झनझनाहट हो सकती है।

झनझनाहट से राहत के उपाय
✅ शारीरिक व्यायाम और स्ट्रेचिंग:
हल्के व्यायाम और स्ट्रेचिंग नसों को सक्रिय करने में मदद करते हैं।

✅ डाइट में सुधार:
विटामिन B12 और फोलिक एसिड युक्त भोजन लें। दूध, दही, अंडा, अनाज और हरी सब्जियां शामिल करें।

✅ न्यूरोलॉजिस्ट या स्पाइन स्पेशलिस्ट से परामर्श:
बार-बार या लगातार झनझनाहट हो तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।

✅ MIPSI Technique (JPRC Jaipur में उपलब्ध):
अगर झनझनाहट नसों की जड़ से जुड़ी है जैसे स्लिप डिस्क या स्पाइनल स्टेनोसिस, तो MIPSI (Minimally Invasive Pain & Spine Intervention) तकनीक एक सुरक्षित, गैर-सर्जिकल विकल्प है।

✅ तनाव कम करें और आराम करें:
लंबे समय तक एक ही पोजिशन में न बैठें और नींद पूरी लें।

कब डॉक्टर से मिलें?
अगर झनझनाहट बार-बार हो रही है

झनझनाहट के साथ दर्द या कमजोरी महसूस हो

हाथों और पैरों दोनों में सुन्नपन हो

चलने-फिरने में दिक्कत हो रही हो

निष्कर्ष
पैरों में झनझनाहट को नजरअंदाज करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। यह केवल एक अस्थायी समस्या नहीं, बल्कि शरीर के अंदर किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकती है। इसलिए यदि यह समस्या बार-बार हो रही है, तो आज ही किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें।